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इन्द्रप्रस्थ रणभेरी

जब बहरे हुक्मरानों को,
ना फरियाद सुनाई दे.
तब तब गलियों कूचों में,
रणभेरी सर्वत्र सुनाई दे !

                        सु.स.!

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