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इन्द्रप्रस्थ राज्य निर्माण के लिए खड़े हो युवा.

पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 13 जिलों को दिल्ली में मिलाकर इन्द्रप्रस्थ राज्य का निर्माण करना, जिसकी राजधानी दिल्ली में हो, इस क्षेत्र की समस्त समस्याओं का एकमात्र हल है.
         आधारभूत सरंचना में अविकास,कृषि क्षेत्र में आपातकाल जैसी स्थिति और आत्महत्या के कगार पर खड़ा कृषक समाज,औद्योगिक विकास में ठहराव और गुणवत्ता रहित शिक्षा तथा उसके फलस्वरूप बेरोजगारी इस क्षेत्र की प्रमुख समस्या के रूप में आज हमारे अस्तित्व को चुनौती दे रही है.हमे इन्द्रप्रस्थ चाहिए क्योंकि हम जिन्दा रहना चाहते है,हम आगे बढ़ना चाहते हैं, हमे इन्द्रप्रस्थ चाहिए क्योंकि हम देश को उसका प्राचीन आर्थिक, सामजिक गौरव प्रदान करना चाहते है..
       इस क्षेत्र का एतिहासिक अस्तित्व है. इन्द्रप्रस्थ महाभारत कालीन कुरुक्षेत्र की राजधानी रही है.हस्तिनापुर भी महाभारत कालीन राजधानी है जो इस क्षेत्र में ही शामिल है.कुरुक्षेत्र आधुनिक हरियाणा राज्य के अंतर्गत शामिल है, इसलिए इन्द्रप्रस्थ इस क्षेत्र का सबसे उपयुक्त नाम होगा..
      हम इन्द्रप्रस्थ राज्य प्राप्त करने के लिए अपनी अंतिम सांस तक लड़ेंगे,यदि हम असफल रहे तो हमारी आने वाली पीढ़िया भी राज्य प्राप्ति के लिए किसी भी बलिदान से पीछे नहीं हटेंगी..इन्द्रप्रस्थ राज्य निर्माण आन्दोलन केवल हमारा ही नहीं बल्कि हमारी पीढियों का संघर्ष है..
     हम इन्द्रप्रस्थ राज्य प्राप्ति के लिए एक सभ्य,अहिसंक और लोकतांत्रिक युद्ध लड़ने के लिए अपने आप को पूरी तरह से तैयार कर रहे..
     जय भारत,जय इन्द्रप्रस्थ..

पिंकी पंवार सत्यम,
अध्यक्ष,
इन्द्रप्रस्थ विकास मोर्चा (इविमो)

Comments

  1. हम अस्तित्व के इस युद्ध में इन्द्रप्रस्थ विकास मोर्चा के साथ हैं।।

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